
दिल्ली में हुए Semicon India 2025 के रंगमंच पर पीएम मोदी ने चिप से ज़्यादा, चुटकुले और चैलेंज का तड़का लगाया। भाषण की शुरुआत मज़ाकिया अंदाज़ में करते हुए बोले – “मैं जापान और चीन से लौटा हूं, तालियां इस पर हैं कि मैं गया या कि वापस आ गया?”
यानी कि मोदी जी मूड में थे, और टेक्नोलॉजी की दुनिया को बता रहे थे – “भारत अब सिर्फ यूज़र नहीं, इनोवेटर है!”
विश्वास का वोल्टेज हाई है – दुनिया इंडिया के साथ
प्रधानमंत्री ने कहा – “दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत पर विश्वास करती है और सेमीकंडक्टर के भविष्य में भारत के साथ खड़ी है।”
ये लाइन एक तरफ उद्योगपतियों को सुकून दे गई, और दूसरी तरफ कुछ लोगों को सियासी सेंसरशिप की झनक दे गई। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिए बिना, मोदी ने साफ-सुथरा ताना मारा।
ट्रंप का तेल, मोदी का ट्रोल?
जब ट्रंप भारत पर रूसी तेल खरीदने को लेकर भड़क रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी का विश्वास और आत्मनिर्भरता वाला संदेश बहुत कुछ कह गया – बिना कहे।
यानि बिना नाम लिए, “तेल की बात मत कर, चिप पे ध्यान दे बेटा!”
GDP का ग्राफ और गर्व – उम्मीद से आगे निकला भारत
पीएम मोदी ने बताया कि इस साल की पहली तिमाही के GDP आंकड़े उम्मीद से कहीं बेहतर हैं।
“हर उम्मीद, हर अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन भारत ने किया है।”
ये बात निवेशकों के लिए तो मिठाई जैसी थी, पर विपक्ष के लिए ये बिना शुगर की कड़वी गोली बन गई।
सेमीकंडक्टर से आत्मनिर्भरता – भारत बोलेगा, दुनिया सुनेगी
Semicon India 2025 का मकसद सिर्फ चिप बनाना नहीं, बल्कि भारत को सेमीकंडक्टर मेगा-हब बनाना है। मोदी सरकार ने इस दिशा में अरबों की योजनाएं शुरू की हैं – जिसमें मैन्युफैक्चरिंग से लेकर रिसर्च एंड डेवलपमेंट तक सब कुछ शामिल है।
टेक्नोलॉजी की चिप, डिप्लोमेसी की टिप
जहां एक तरफ अमेरिका भारत की नीतियों पर सवाल उठा रहा है, वहीं पीएम मोदी मंच से टेक्नोलॉजी, ट्रस्ट और टैकलिंग का मेसेज दे रहे हैं।
Semicon India 2025 अब सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सियासी और आर्थिक संदेश बन गया है – “भारत अब फॉलो नहीं करता, लीड करता है।”